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“नादानियां” मूवी रिव्यू – एक हल्की-फुल्की लव स्टोरी, लेकिन कुछ मिसिंग है!
अगर आप एक फ्रेश रोमांटिक-कॉमेडी देखना चाहते हैं, तो “नादानियां” आपके लिए हो सकती है। लेकिन अगर आप कुछ नया और हटके एक्सपेक्ट कर रहे हैं, तो शायद थोड़ा निराशा हो। इस फिल्म में इब्राहीम अली खान और खुशी कपूर लीड रोल में हैं, और ये दोनों अपना डेब्यू कर रहे हैं।
कहानी – फेक लव से रियल फीलिंग्स तक
फिल्म की स्टोरी बहुत सिंपल है – पिया जय सिंह (खुशी कपूर) एक अमीर और सोशल मीडिया सेंसेशन लड़की है, और अर्जुन मेहता (इब्राहीम अली खान) मिडल क्लास लड़का, जो बड़े सपने देखता है। दोनों की दुनिया बिल्कुल अलग है, लेकिन एक डील के चलते उनका रास्ता क्रॉस होता है।
पिया को अपने एक्स बॉयफ्रेंड को जलाने के लिए एक फेक बॉयफ्रेंड चाहिए, और अर्जुन को पैसों की जरूरत है। बस, डील पक्की हो जाती है – अर्जुन को हर हफ्ते ₹25,000 मिलेंगे, और पिया को एक दिखावटी बॉयफ्रेंड। लेकिन जैसा कि फिल्मों में होता ही है, नकली रिश्ते में असली फीलिंग्स आ जाती हैं, और फिर शुरू होती है इमोशनल उथल-पुथल!
डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले – नया कुछ नहीं, लेकिन ठीक-ठाक
शौना गौतम ने फिल्म को डायरेक्ट किया है, और उन्होंने कोशिश तो की है कि इसे मॉडर्न और रिलेटेबल बनाया जाए। लेकिन प्रॉब्लम ये है कि कहानी में कुछ भी नया नहीं है। ऐसी लव स्टोरीज हम पहले भी देख चुके हैं – “जाने तू या जाने ना”, “बचना ऐ हसीनों” और “शुद्ध देसी रोमांस” जैसी कई फिल्मों में।
स्क्रिप्ट में हल्के-फुल्के और फनी मोमेंट्स हैं, लेकिन कई बार ये बहुत प्रेडिक्टेबल लगती है। अगर आपको रोम-कॉम पसंद है और आप ज्यादा डीप सोचने के मूड में नहीं हैं, तो शायद आपको फिल्म ठीक लगे।
एक्टिंग – मिला-जुला परफॉर्मेंस
अब बात करते हैं एक्टिंग की –
👉 इब्राहीम अली खान: अर्जुन के रोल में ठीक लग रहे हैं, लेकिन उनका डायलॉग डिलीवरी और एक्सप्रेशन थोड़ा कमजोर है। कुछ सीन में वो अच्छे लगते हैं, लेकिन इमोशनल सीन में वो कनेक्ट नहीं कर पाते।
👉 खुशी कपूर: पिया के रोल में ज्यादा कॉन्फिडेंट दिखती हैं, लेकिन कई बार उनकी एक्टिंग ओवर भी लगती है। हालांकि, उनके स्टाइल और स्क्रीन प्रेजेंस की तारीफ करनी होगी।
सपोर्टिंग कास्ट में सुनील शेट्टी और महिमा चौधरी (पिया के पैरेंट्स) और जुगल हंसराज व दिया मिर्जा (अर्जुन के पैरेंट्स) ने अच्छा काम किया है, लेकिन उन्हें ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिला।

म्यूजिक – बस ठीक-ठाक
सचिन-जिगर का म्यूजिक है, और एक-दो गाने सुनने लायक हैं, खासकर “इश्क में”, जो आपको कुछ समय तक याद रह सकता है। लेकिन कुल मिलाकर, गाने उतने पावरफुल नहीं हैं कि प्लेलिस्ट में ऐड किए जाएं।
क्या ये फिल्म देखने लायक है?
अगर आप लाइट और चिल मूवी देखना चाहते हैं, जिसमें खूबसूरत लोकेशंस, अच्छे कपड़े और सिंपल रोमांस हो, तो आप इसे देख सकते हैं। लेकिन अगर आपको एक स्ट्रॉन्ग स्टोरी, बेहतरीन एक्टिंग और नया कंटेंट चाहिए, तो शायद ये फिल्म आपको इंप्रेस ना कर पाए।
रेटिंग: ⭐⭐⭐ (3/5)
फाइनल वर्ड: सिर्फ टाइम पास के लिए ठीक है, लेकिन कुछ हटके नहीं है! 😊