हाल ही में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नए ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा की घोषणा की है, जो $5 मिलियन (लगभग ₹41 करोड़) के निवेश के बदले अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता का मार्ग प्रदान करेगा। यह नया वीज़ा मौजूदा EB-5 निवेशक वीज़ा कार्यक्रम की जगह लेगा, जिसमें पहले $1 मिलियन (या कुछ क्षेत्रों में $800,000) का निवेश और कम से कम 10 नौकरियों का सृजन आवश्यक था।

भारतीय नागरिकों पर प्रभाव:

  • सकारात्मक पहलू: भारत के उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों के लिए, यह ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा अमेरिका में तेजी से और सरलता से स्थायी निवास प्राप्त करने का एक नया मार्ग प्रदान कर सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो मौजूदा EB-5 वीज़ा या H-1B से ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की लंबी प्रक्रिया का सामना कर रहे थे।
  • नकारात्मक पहलू: हालांकि, $5 मिलियन की उच्च निवेश राशि के कारण, यह वीज़ा अधिकांश भारतीय आवेदकों के लिए अप्राप्य हो सकता है, विशेषकर उन मध्यम-वर्गीय पेशेवरों के लिए जो वर्तमान में H-1B वीज़ा पर हैं और ग्रीन कार्ड बैकलॉग का सामना कर रहे हैं।

इस प्रकार, यह नया ‘गोल्ड कार्ड’ वीज़ा केवल अत्यंत धनी भारतीयों के लिए ही लाभदायक होगा, जबकि अधिकांश भारतीय प्रवासियों के लिए यह विकल्प संभवतः उपलब्ध नहीं होगा।

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